राजा जी की
पाँचो उँगली
घी में डूबी जायं ।
डूबे नगर खेत उतिराएं
जब से आई बाढ़,
जुम्मन-जुगनू सबकी ख़ातिर
बैरी हुआ असाढ़ ;
उड़नखटोले
पर राजा जी
जलदर्शन को जायं ।
सूखे सारे ताल तलैया
सूखीं नदियां-झील,
सूखे सब आँखों के आँसू
ऐश कर रहीं चील ;
राजा के घर
नदी दूध की
रानी इत्र नहायं ।
सब्जी चढ़ी बाँस के ऊपर
दाल करे हड़ताल,
परजा के चेहरे हैं सूखे
हड्डी उभरे गाल ;
राजकुमारी
वजन घटाने
की औषधियाँ खायं ।
( 24 अगस्त, 2013)
पाँचो उँगली
घी में डूबी जायं ।
डूबे नगर खेत उतिराएं
जब से आई बाढ़,
जुम्मन-जुगनू सबकी ख़ातिर
बैरी हुआ असाढ़ ;
उड़नखटोले
पर राजा जी
जलदर्शन को जायं ।
सूखे सारे ताल तलैया
सूखीं नदियां-झील,
सूखे सब आँखों के आँसू
ऐश कर रहीं चील ;
राजा के घर
नदी दूध की
रानी इत्र नहायं ।
सब्जी चढ़ी बाँस के ऊपर
दाल करे हड़ताल,
परजा के चेहरे हैं सूखे
हड्डी उभरे गाल ;
राजकुमारी
वजन घटाने
की औषधियाँ खायं ।
( 24 अगस्त, 2013)
परजा के चेहरे हैं सूखे
ReplyDeleteहड्डी उभरे गाल ;
राजकुमारी
वजन घटाने
की औषधियाँ खायं ..........कमाल ..........