Sunday, August 25, 2013

राजा जी की पाँचो उँगली

राजा जी की
पाँचो उँगली
घी में डूबी जायं ।

डूबे नगर खेत उतिराएं
जब से आई बाढ़,
जुम्मन-जुगनू सबकी ख़ातिर
बैरी हुआ असाढ़ ;

उड़नखटोले
पर राजा जी
जलदर्शन को जायं ।

सूखे सारे ताल तलैया
सूखीं नदियां-झील,
सूखे सब आँखों के आँसू
ऐश कर रहीं चील ;

राजा के घर
नदी दूध की
रानी इत्र नहायं ।

सब्जी चढ़ी बाँस के ऊपर
दाल करे हड़ताल,
परजा के चेहरे हैं सूखे
हड्डी उभरे गाल ;

राजकुमारी
वजन घटाने
की औषधियाँ खायं ।

( 24 अगस्त, 2013)


1 comment:

  1. परजा के चेहरे हैं सूखे
    हड्डी उभरे गाल ;

    राजकुमारी
    वजन घटाने
    की औषधियाँ खायं ..........कमाल ..........

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