Tuesday, September 12, 2017

लिटिल स्टार

ट्विंकल-ट्विंकल लिटिल स्टार
गुरुकुल ने ही डाला मार।

एडमीशन की लगी कतार,
डोनेशन पच्चास हजार,
इंटरव्यू देकर माँ-बाप
बैठे जोड़ मौत से तार ;

लेते मोटी-मोटी फीस
किंतु न कोई जिम्मेदार।

हम सब ऊँची चहें दुकान,
भले रहे फीका पकवान,
बच्चे का महंगा स्कूल
पिता समझता अपनी शान ;

चमक-दमक में हम सब चूर
भले व्यवस्था हो बीमार।

नखरे पाँच- पढ़ाई तीन,
सब स्कूलों का यह सीन,
पूर्वजों का सिखा-सिखाया
संस्कार भी लेते छीन ;

अंतर्मन में झांके कौन
जब स्कूल बने व्यापार।

- ओमप्रकाश तिवारी
12 सितंबर, 201
(रायन स्कूल में प्रद्युम्न की हत्या के बाद उपजा गीत)