Tuesday, July 11, 2017

अनुत्तरित है प्रश्न

अनुत्तरित है प्रश्न
पुनः कब
प्रभु लेंगे अवतार ।

नहीं परिस्थिति भिन्न
तनिक भी
त्रेता - द्वापर से,
नर-नर नाग बने
घर-घर में
दूषण औ खर से;

कब होगा इस
दैत्यवंश का
अब फिर से संहार ?

वही मंथरा
वही पूतना
वही नीतियां कूट,
बार-बार
शिव के हिस्से में
आता विष का घूँट;

दुर्योधनी
मगज में उपजे
अतिशय क्रूर विचार।

विभीषणों की
फौज खड़ी है, लेकिन
वह इस बार,
भ्राताश्री का
साथ दे रहे
'गलती' पूर्व सुधार;

स्वयं सोचते होंगे
प्रभु अब
कैसे पाएं पार।

- ओमप्रकाश तिवारी

(11 जुलाई, 2017)
अमरनाथ यात्रा बस पर गोलीबारी के बाद लिखा गया नवगीत। 

No comments:

Post a Comment