Friday, December 21, 2012

महामहिम जी न्याय चाहिए

महामहिम जी
न्याय चाहिए

लाठी-गोली
पुलिस की टोली
नेताओं की
मीठी बोली
जलतोपों की
तीखी धारें
आँसू गैस
खून की होली

ऐसे जुल्म
जबर्दस्ती का
अब हमको
पर्याय चाहिए

कभी कोख में
मरना पड़ता
कभी खाप को
सुनना पड़ता
महानगर की
सड़कों पर भी
डर-डर के है
चलना पड़ता

घिसे पिटे
पाठों से हटकर
एक नया
अध्याय चाहिए

करके जुल्म
छूटते कामी
मिलती है हमको
बदनामी
लाचारी कानून
दिखाए
लोग निकालें
हममें खामी

बहुत हुई
असहाय व्यवस्था
अब तो कोई
उपाय चाहिए

( 22 दिसंबर, 2012 , दोपहर 1.40 बजे, दिल्ली में विजय चौक पर प्रदर्शन कर रहे बच्चों पर लाठी, पानी की बौछारें और आँसू गैस छोड़े जाने का दृश्य देखते हुए)




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