ऊँ
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गिरी बोरवेल
में रेहाना !
गड्ढा है पतला व गहरा,
वहां नहीं था कोई पहरा;
खेल रही थी नन्हीं बच्ची
गई उसी गड्ढे में भहरा ।
है अपनी पूरी तैयारी
चार कैमरेवाली गाड़ी
टीवी छोड़
कहीं मत जाना !
सुस्ती पुलिस फोर्स पर छाई,
एनडीआरएफ देर से आई;
बोरिंग मालिक की कर दी है
ग्रामीणों ने खूब पिटाई।
अपनी भी कुछ है मजबूरी
अब सचमुच है बहुत जरूरी
कॉमर्शियल ब्रेक
दिखलाना !
दुआ निकालो दिल से सच्ची,
ख़तरे में है प्यारी बच्ची;
सिमपैथी में सेंध लगाना
बहुत बड़ी है माथापच्ची।
लगा रहे ग़र गिरना-पड़ना
बढ़ती दर्शकगण की गणना
चहिए खाली
एक बहाना !
- ओमप्रकाश तिवारी
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