माना कि आप आज
दुनिया में छा गए,
हम कैसे मानें कि
अच्छे दिन आ गए।
शेयरों के भाव भले
आसमान छू रहे,
सूर्य-चांद-तारे भी
आँगन में चू रहे ;
भाजी के भाव मगर
नीचे न आ गए,
तो कैसे मानें कि
अच्छे दिन आ गए।
हो सकता है सुधरें
सोने के स्वर ऐंठे,
संभव है रुपया भी
डॉलर को चढ़ बैठे ;
लेकिन हम दाल-भात
जब तक न पा गए,
तो कैसे मानें कि
अच्छे दिन आ गए।
बिटिया की शादी में
बजनी है शहनाई,
सिर चढ़के नाच रही
है निर्दय महंगाई;
अरमानों की पूँजी
टैक्स मियाँ खा गए,
हम कैसे मानें कि
अच्छे दिन आ गए।
दिल्ली में दीवाली
जैसी हर शाम है,
दुनिया भी आ करके
ठोंकती सलाम है ;
जब तक न दिखें
गाँव-गाँव जगमगा गए,
हम कैसे मानें कि
अच्छे दिन आ गए।
(27 मई, 2014)
दुनिया में छा गए,
हम कैसे मानें कि
अच्छे दिन आ गए।
शेयरों के भाव भले
आसमान छू रहे,
सूर्य-चांद-तारे भी
आँगन में चू रहे ;
भाजी के भाव मगर
नीचे न आ गए,
तो कैसे मानें कि
अच्छे दिन आ गए।
हो सकता है सुधरें
सोने के स्वर ऐंठे,
संभव है रुपया भी
डॉलर को चढ़ बैठे ;
लेकिन हम दाल-भात
जब तक न पा गए,
तो कैसे मानें कि
अच्छे दिन आ गए।
बिटिया की शादी में
बजनी है शहनाई,
सिर चढ़के नाच रही
है निर्दय महंगाई;
अरमानों की पूँजी
टैक्स मियाँ खा गए,
हम कैसे मानें कि
अच्छे दिन आ गए।
दिल्ली में दीवाली
जैसी हर शाम है,
दुनिया भी आ करके
ठोंकती सलाम है ;
जब तक न दिखें
गाँव-गाँव जगमगा गए,
हम कैसे मानें कि
अच्छे दिन आ गए।
(27 मई, 2014)
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