Thursday, March 12, 2015

योगमाया

योगमाया 
आज कंसों से
जरा बचकर दिखाओ !

कृष्ण की
लेकर जगह, उनको
तुम्हीं ने था बचाया,
वास्तव में 
धर्म भगिनी का
बखूबी था निभाया;

भ्रूणहंताओं के 
हाथों से भी
अब तुम पार पाओ ।

जानकी बन
दिवस कितने
कलश में तुमने बिताए,
गांधारी बन
कई जन्मों के 
कर्जे भी चुकाए;

अब जरा 
नौ माह, माँ के 
गर्भ में रहकर बताओ। 

था बहुत आसान
शायद
रक्तबीजों से निपटना,
बाँधकर शिशु पीठ
दोनों हाथ 
अंग्रेजों से लड़ना;

निर्दयी परिवार से
तुम लड़ सको
तो पुनः आओ। 

- ओमप्रकाश तिवारी

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