काँपती काया का घर
...........................
तीन मंजिल
आठ कमरे
कांपती काया का घर,
खेलते
डॉलर में बच्चे
और हम हैं दर-ब-दर।
...........................
तीन मंजिल
आठ कमरे
कांपती काया का घर,
खेलते
डॉलर में बच्चे
और हम हैं दर-ब-दर।
बैंक में
बैलेंस काफी
पेंशन भी कम नहीं,
है दिया
भगवान का सब
सच में कोई गम नहीं ;
बैलेंस काफी
पेंशन भी कम नहीं,
है दिया
भगवान का सब
सच में कोई गम नहीं ;
साथ रख
बचपन से पाला
बस उसी नौकर से डर ।
बचपन से पाला
बस उसी नौकर से डर ।
पार्क में
कटती सुबह
हमजोलियों के साथ में,
और दोपहरी
भी एलबम
संग पुरानी याद में ;
कटती सुबह
हमजोलियों के साथ में,
और दोपहरी
भी एलबम
संग पुरानी याद में ;
रात को
शंकित करे मन
गूँजता खुद का ही स्वर ।
शंकित करे मन
गूँजता खुद का ही स्वर ।
दिन यहाँ होता
तो होती
रात है परदेस में,
प्यार-आदर-फ़िक्र
सिमटे
फ़ोन के संदेश में ;
तो होती
रात है परदेस में,
प्यार-आदर-फ़िक्र
सिमटे
फ़ोन के संदेश में ;
कौन
इंटरनेट का सीखे
अब बुढ़ापे में हुनर ।
इंटरनेट का सीखे
अब बुढ़ापे में हुनर ।
(15 जनवरी, 2015)
No comments:
Post a Comment